"माइग्रेंट्स की रक्षा करने वाली देवी" का मंदिर

कुआलालंपुर का महामरियम्मन मंदिर मलयेशिया का सबसे पुराना हिंदू मंदिर है. लेकिन इसकी पहचान भारतीय संस्कृति और विरासत के एक प्रतीक की भी है.

Sri Mahamarriamman Temple Kualalampur

Source: Vivek Asri

18वीं सदी में अंग्रेज बहुत से भारतीयों को काम करने के लिए दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में ले गए थे. जैसे मलयेशिया.

जब ये लोग अनजान बेगाने मुल्कों में पहुंच रहे थे तो अकेलापन था, अनिश्चितता थी और डर था. कि क्या होगा! तब किसका सहारा होता. मलयेशिया में बसे भारतीयों ने चुना श्री महामरियम्मा को.
हिंदू देवी पार्वती का अवतार मानी जाने वाली महामरियम्मा के बारे में मलयेशिया में बसे भारतीय कहते है्ं कि वह प्रवासियों की देवी हैं. मलयेशिया के सबसे पुराना हिंदू मंदिर श्री महामरियम्मा का ही है, जो कुआलालंपुर में चाइना टाउन के नजदीक है.
Sri Mahamarriamman Temple Kuala Lampur
Source: Vivek Asri
यह मंदिर बनाया गया था 1873 में. इसे के. टी. पिल्लै ने अपने पारिवारिक इस्तेमाल के लिए बनाया था लेकिन 1920 के दशक में इसे सबके लिए खोल दिया गया.

वैसे, अभी जो इमारत दिखती है, वो 1968 में दोबारा बनाया गया है, पुराने ढांचे को तोड़कर. मंदिर का द्वार यानी गोपुरम 1972 में पूरा हुआ है.

मंदिर के प्रांगण में चांदी का रथ भी है जिसमें 350 किलोग्राम चांदी लगी है. इसे भारत में बनाया गया था और 12 हिस्सों में मलयेशिया लाकर जोड़ा गया.

आप्रवासी भारतीयों, खासकर तमिल समुदाय में मां महामरियम्मा की बहुत मान्यता है. वे लोग कहते हैं कि यह अपनी जमीन छोड़कर दूर देश की यात्रा पर निकलने वालों की देवी है और उनकी रक्षा करती है.


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Published 19 July 2017 4:00pm
Updated 20 July 2017 11:30am
By Vivek Asri


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