मुख्य बिंदु
- ऑस्ट्रेलिया में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस ही आधिकारिक अनुमति पत्र है।
- ऑस्ट्रेलियाई प्रदेश अपने अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस के नियम तय करते हैं, तो जगह के अनुसार नियमों में कुछ परिवर्तन होता है।
- वाहन चालक को लाइसेंस मिलने से पहले कई परीक्षाएं पास करनी होती हैं।
- प्रवासियों के पास उनकी निजी परिस्थिति के अनुसार अपने विदेशी लाइसेंस को ऑस्ट्रलियाई लाइसेंस में परिवर्तित कराने का विकल्प उपब्ध हो सकता है।
एक ड्राइवर लाइसेंस वह आधिकारिक अनुमति पत्र है जिसके आधार पर एक व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में कानूनी रूप से गाड़ी चल सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में लाइसेंस प्राप्त करने के एक क्रमबद्ध प्रणाली के तहत कई चरण हैं। आप जिस तरह की और जितनी बड़ी गाड़ी चलाना चाहते हैं, उसके अनुसार लाइसेंस प्राप्त करने के नियम भी बदल जाते हैं।
अलग-अलग प्रदेशों में भी नियम अलग-अलग हैं। हालांकि, इन नियमों में कई समानताएं हैं।
इस प्रक्रिया का पहला कदम सड़क नियमों को सीखना है। इसके बाद आप लर्नर्स लाइसेंस लेने की परीक्षाओं के लिए आवेदन दे सकते हैं। इस लाइसेंस को आम तौर पर ‘एल’ लाइसेंस कहा जाता है। ‘एल’ लाइसेंस आपको किसी के निरिक्षण में गाड़ी चलाने का अभ्यास करने की अनुमति देता है।
लुइस हिगिन्स व्हिटन एनएसडब्लू ट्रांसपोर्ट में रोड सेफ्टी स्ट्रेटेजी एंड पालिसी की निदेशक हैं। वे समझाती हैं, “न्यू साउथ वेल्स में लेर्नर लाइसेंस पाने की न्यूनतम आयु 16 साल है। इसके साथ आपको एक आँखों की जांच और ज्ञान परीक्षा भी देनी होती है। हमारी ज्ञान परीक्षा में सड़कों के बारे में परीक्षार्थी की जानकारी जांची जाती है ताकि वे सड़क पर सुरक्षित रह सकें।”

Expert driving instructors are especially trained to teach learner drivers in a stress-free environment, L Trent's Frank Tumino says. Source: Getty / Getty Images
जब आप अपने ‘एल लाइसेंस’ पर हों, सुनिश्चित करें कि:
- आपके साथ गाड़ी में हर वक़्त एक पूर्ण लाइसेंस धारक व्यक्ति हों जो आपकी ड्राइविंग का निरिक्षण कर रहे हों।
- आपके वाहन पर ‘L’ प्लेट लगी हो।
- गाड़ी चलाने के पहले आपने शराब या किसी नशीले पदार्थ का सेवन न किया हो।
- आप नियत गति सीमा में गाड़ी चला रहे हों।
- आपके लिए मोबाइल फ़ोन का प्रयोग निषिद्ध है।
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प्रोबेशनरी या प्रोविशनल लाइसेंस पाने की प्रक्रिया
एल लाइसेंस धारकों को अपनी आयु के अनुसार कुछ समय तक इसी लाइसेंस पर बने रहना होना होता है। इससे पहले कि वे अकेले गाड़ी चला सकें, उन्हें एक प्रैक्टिकल ड्राइविंग टेस्ट पास कर ‘प्रोबेशनरी’ या ‘प्रोविशनल’ लाइसेंस प्राप्त करना होता है। इस लाइसेंस को आम तौर पर ‘पी’ लाइसेंस कहा जाता है।
फ्रैंक टुमीनो ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े ड्राइविंग स्कूल, एल ट्रेंट में मास्टर ड्राइविंग ट्रेनर हैं। वे सुझाते हैं कि लर्नर ड्राइवरों को अपनी परीक्षा पास करने के लिए मित्रों और परिजनों के साथ-साथ व्यवसायिक सहायता भी लेनी चाहिए।
वे कहते हैं, “आप कुछ ड्राइविंग लेसन ले सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि एक व्यवसायिक ट्रेनर आपको बुनियादी नियमों के सबसे ज़रूरी हिस्सों से अवगत करा दे। इसी के साथ वे आपको गाड़ी चलाने के सही तरीके और तकनीक से भी अवगत करायेंगे जिससे आपकी ड्राइविंग की नीव मज़बूत होगी।”

The Australian graduated licensing scheme ensures novice drivers slowly build up their driving and road safety skills before they are fully licensed. Source: Getty
प्रवासियों के लिए लाइसेंस परिवर्तन
विदेशी लाइसेंस रखने वाले प्रवासियों को चाहिए कि वे ऑस्ट्रेलिया में कानूनी रूप से गाड़ी चलाने के लिए अपने लाइसेंस को ऑस्ट्रलियाई लाइसेंस में परिवर्तित करा लें।
लुइस हिगिन्स व्हिटन कहती हैं कि यह प्रक्रिया अलग-आग लोगों के लिए भिन्न हो सकती है। इसके कई कारण हैं।
“इस प्रक्रिया के लिए आपको जो चरण पार करने होंगे वे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस देश से आते हैं, आपका लाइसेंस कहां जारी हुआ था, आपके पास यह लाइसेंस कबसे है, और जहां से आप आते हैं वहां की लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया क्या है,” वे समझाती हैं।
अगर आप ऐसे देश से आते हैं जहां लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया एकदम भिन्न है, तो आपको कुछ अतिरिक्त परीक्षाएं देनी पड़ सकती हैं। ये परीक्षाएं इस बात पर निर्भर करेंगी कि आप कौनसे देश से आते हैं और आप किस प्रकार के लाइसेंस का आवेदन कर रहे हैं।लुइस हिगिन्स व्हिटन, एनएसडब्लू ट्रांसपोर्ट
कुछ मामलों में, अगर आपके पास अगर एक वैध विदेशी लाइसेंस है तो आपको पूर्ण ऑस्ट्रलियाई लाइसेंस के लिए टेस्ट पास करने का केवल एक मौका मिलेगा। अगर आप इस मौके में चूक जाते हैं तो आपको एक एल लाइसेंस जारी कर दिया जायेगा।
श्री टुमिनो कहते हैं कि जिन लोगों ने दूसरे देशों में गाड़ी चलाना सीखा है, उन्हें यहां टेस्ट पास करने के लिए अतिरिक्त कोचिंग की आवश्यकता पड़ सकती है।
“प्रवासी प्रशिक्षुओं के साथ हमारे लेसन अलग तरह से बनाये जाते हैं, जहां हमें सड़क सुरक्षा से कहीं अधिक सिखाना होता है। हमें उनकी वो आदतें बदलने पर भी ध्यान देना होता है जो उन्होंने विदेश में विकसित की होंगी। यह बात कि इस देश में हम बायीं ओर गाड़ी चलाते हैं, अपने आप में एक बड़ी चुनौती है।”

Migrants from countries with similar licensing systems to Australia can easily convert their driving permits. Those who hold overseas licences from less regulated countries may need to undergo further examinations. Credit: Deepak Sethi/Getty Images
हालांकि पूर्ण लाइसेंस पाने के बाद आपकेलिये कुछ प्रतिबंध कम हो जाते हैं, लेकिन सड़क नियमों का पालन करना हर परिस्थिति में अनिवार्य है। इनका उल्लंघन आपको बड़े जुर्मानों का भागी बना सकता है। यहां तक कि आपका लाइसेंस बाधित या रद्द भी किया जा सकता है।
श्री टुमिनो चेताते हैं, “हमारे देश में कड़े कानून हैं। गति सीमा से तेज़ गाड़ी चलाने या नशे की स्थिति में गाड़ी चलाने के कड़े जुर्माने हैं।”

Police in Australia conduct frequent roadside breath tests to ensure drivers are not intoxicated. Heavy fines apply for those who flaunt road rules. Credit: wikimedia commons
रिफ्यूजी और प्रवासियों के लिए ख़ास ड्राइविंग कार्यक्रम
ऑस्ट्रेलिया भर में कई सामुदायिक और सेटलमेंट सेवा संस्थाएं मुफ़्त या किफ़ायती ड्राइविंग कार्यक्रम चलाती हैं जिन्हें खासकर प्रवासी और रिफ्यूजी समुदायों के लिए बनाया गया है।
ग्रेट लक्स एजेंसी फॉर पीस एंड डेवलपमेंट (ग्लेपेड) एक ऐसी ही ज़मीनी संस्था है जो सांस्कृतिक और भाषायीविविध पृष्ठभूमि से आने वाले लर्नर ड्राइवरों के लिए एक समर्थन कार्यक्रम चलाते हैं।
ग्लेपेड के सचिवीय प्रबंधक एमानुएल मुसोनी कहते हैं उन्होंने एक ऐसे कार्यक्रम की शुरुआत की है जो लेर्नर ड्राइवरों को उनके प्रैक्टिकल टेस्ट पास करने में सहायता करता है। उन्होंने यह समझा कि कई एकल और नयी माओं को अपने परिवहन के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। संस्था ने प्रवासी समुदाय से ही एक ड्राइविंग प्रशिक्षक चुना, ताकि समुदाय को अधिक से अधिक लाभ पहुंच सके।
वे कहते हैं, “कुछ लोग ऐसे भी आते हैं जिन्हें स्टीयरिंग तक पकड़नी नहीं आती। तो प्रशिक्षक उन्हें उस बिंदु से सिखाना शुरू करते हैं और तब तक प्रशिक्षित करते हैं जब तक उन्हें लाइसेंस मिल नहीं जाता।”

Being a fully licensed driver offers independence and opens up job prospects. Credit: Narong Jongsirikul / EyeEm/Getty Images/EyeEm
सुश्री न्यान्ताबारा ने अपने गृह राष्ट्र कौंगो में कभी गाड़ी नहीं चलायी थी, और वे गाड़ी चलाने से बेहद घबराती थीं। उन्होंने गाड़ी चलाना सीखने का फैसला तब किया जब सार्वजानिक परिवहन से काम और दूसरी जगहों पर पहुंचने में लंबा समय नष्ट हो जाता था। वे कहती हैं कि एक शिशु के साथ बसों पर प्रैम लेकर चढ़ना मुश्किल का काम था।
हालांकि उन्होंने व्यवसायिक ड्राइविंग लेसन भी लिए और परजनों और मित्रों की सहायता भी ली, फिर भी वे अपना प्रैक्टिकल ड्राइविंग टेस्ट दो बार फेल कर गयीं। इसके बाद उन्होंने ग्लेहपेड से मदद ली।
वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी ही सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से आने वाले अपने प्रशिक्षक को देती हैं, जिन्होंने उनमें आत्मविश्वास जगाया।
वे कहती हैं, “वे क्या कह रहे थे, वह मुझे बेहतर समझ आता था। दूसरी बात यह कि उनके पास इस क्षेत्र में काफ़ी अनुभव था।”
वे कहती हैं कि लाइसेंस पाने के के बाद उनकी और उनके बेटे की ज़िन्दगी बदल गयी है।
अब मैं जहां चाहूं, जा सकती हूं... पहले यही इतना मुश्किल था, लेकिन अब मेरे पास अपनी गाड़ी है। मेरे लिए अपने बेटे को कहीं e जाना बहुत आसान है। यह ज़िन्दगी सरल कर देता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनके बच्चे हैं।
सुश्री न्यान्ताबारा दूसरी महिलाओं को भी अपने ड्राइविंग के डर पर विजय पा आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं, क्योंकि इसके नतीजे जीवन बदल सकते हैं।
वे कहती हैं, “यह आपको डरा सकता है, लेकिन जब आप सफल हो जायेंगे, आपको आपका लाइसेंस मिल जायेगा, आपको यह याद भी नहीं रहेगा कि पहे क्या हुआ था, क्योंकि आपका जीवन बदल जाएगा।”