अशोक बंसल, कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा से हैं और भारत के राष्ट्रीय दैनिक 'जनसत्ता ' के लिये पिछले कई वर्षों से पत्रकार रहे हैं।
अपनी आस्ट्रेलिया के दौरान, यहाँ कई जगहों की यात्रा की और आस्ट्रेलया के गोल्ड रश की रोचक गाथा जानने का अवसर भी प्राप्त हुआ।
परिणाम स्वरूप, उनकी इस पुस्तक की रचना हुयी।
अशोक जी कहते हैं कि अक्सर इतिहास को रोचक बना कर नहीं लिखा जाता। अगर उस समय की रोचक कथायें भी उसका हिस्सा हों तो उत्सुकता बढ़ जाती है और अधिक जानने की। वह कहते हं कि अपनी पुस्तक में उन्होंने यही प्रयास किया है कि जब आस्ट्रेलिया में सोना मिला, तब उस समय यहाँ पर आये बहुसांस्कृतिक प्रवासी किस तरह से रह रहे थे और उनके बीच कैसे सम्बन्ध थे।
अशोक जी ने इसके अलावा '' मन के झरोखे से '' ( ब्रज की विभिन्न ऐतिहासिक , साँस्कृतिक घटनाओं, स्थानों और व्यक्तियों पर लेखों का संग्रह ), '' कुए में भांग ''( व्यंग लेखों का संग्रह ) , आदि पुस्तकें लिखी है.
ब्रज संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर व्रत चित्र बनाये हैं . जिनमें महाकवि सूरदास के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंटरी '' सूर की सुगंध '' पसंद की गई है.
इसी प्रकार वृन्दावन की विधवाओं के कल्याण के लिए भी कई लेख लिखे है .
इस विषय पर एक पुस्तक शीघ्र प्रकाशित होगी.