भारत में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला गहराता जा रहा है.
बीते दिनों में ये मामला पैसों के लेन-देन से होता हुआ, कथित बॉलीवुड माफिया और अब बॉलीवुड में ड्रग्स के इस्तेमाल तक पहुंच गया है.
लेकिन इस बीच सुशांत सिंह राजपूत की मौत के राज़ पर से पर्दा उठाने की मांग भारत से निकलकर ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच गई है.
आस्ट्रेलिया में पिछले दिनों मैलबर्न शहर में एक बिलबोर्ड के ज़रिए सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने की मांग की गई थी. और अब ये ही मांग सिडनी में भी उठ रही है.
मुख्य बातें:
- सिडनी के ग्रेट वेस्टर्न हाईवे पर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने की मांग को लेकर एक बिलबोर्ड लगाया गया है.
- बिलबोर्ड लगाने वाले सुशांत के प्रशंसकों का कहना है कि उनकी मौत के100 दिन गुज़र जाने के बाद भी उन्हें इसका राज़ खुलने का इंतज़ार है.
- इससे पहले मैलबर्न में भी कुछ इसी तरह का बिलबोर्ड लगाया जा चुका है.
सिडनी में भी सुशांत सिंह के प्रशंसकों ने एक बिलबोर्ड के जरिए उन्हें याद किया है.
ये बिलबोर्ड में ग्रेट वैस्टर्न हाइवे पर टुंगाबी के पास लगाया गया है.
इस बिलबोर्ड को सुशांत सिंह राजपूत के प्रशंसकों के एक समूह ने लगाया है जो खुद को 'नारी-शक्ति' का नाम देते हैं हालांकि इस समूह से काफी पुरुष भी जुड़े हुए हैं.
बिलबोर्ड के संबंध में एसबीएस हिंदी से 'नारी-शक्ति' की दो महिलाओं ने बात की जो कि अपना नाम उजागर नहीं करना चाहती हैं.
यहां हम उन्हें शक्ति और भक्ति कह रहे हैं.
अपना नाम उजागर न करने के बारे में शक्ति कहती हैं, "कुछ लोग कहेंगे कि हम लोग अपने नाम के लिए यह सब कर रहे हैं. लेकिन हमें अपना नाम नहीं चाहिए हम सुशांत को न्याय दिलाने के लिए काम करना चाहते हैं."
सिडनी में बिलबोर्ड लगाने के बारे में भक्ति कहती हैं, "क्या फर्क पड़ता है आवाज़ कहां से उठ रही है. हम लोग भारत से जुड़े हैं. और वहां कुछ ग़लत होता है तो हमें भी फर्क पड़ता है. और वैसे भी जब सभी जगह से आवाज़ आती है तो वो एक गूंज बन जाती है."
शक्ति के मुताबिक सुशांत की मौत से जुड़ी जांच के बारे में जो जानकारी उन्हें मिल रही है, उससे लगता है कि ये मामला उनकी मौत का राज़ खोलने की बजाय कई दूसरी बातों पर पहुंच गया है.
वो कहती हैं, "पहले पैसों का लेन-देन, और अब ड्रग्स, ये मामला कहीं और पहुंच गया है. हालांकि ये सभी सुशांत की मौत से जुड़े पहलू हैं लेकिन, सुशांत की मौत कैसे हुई? क्या वो हत्या थी या आत्महत्या? और उसके पीछे क्या कारण थे? ये सच सामने आना चाहिए."
इन महिलाओं ने बताया कि बिलबोर्ड लगाने के लिए भी उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
हालांकि इसकी शुरूआत तीन महिलाओं ने की थी लेकिन इसके बाद न केवल उनके साथ कई दूसरी महिलाएं जुड़ीं बल्कि कई पुरुषों ने भी उनका साथ दिया.