Diwan-E-Aam Lal Qila (part 2)
Diwan-e-Aam Source: Vijay Jayara
अब दीवाने आम पर चर्चा की जाय. तीन तरफ से खुले दीवाने आम के दालान की लम्बाई 80 फीट और चौडाई 40 फीट है इस पर कतारबद्ध खूबसूरत खम्भे खड़े हैं खम्भों पर बने खूबसूरत लहरदार मेहराबों के सहारे 30 फीट की ऊँचाई पर छत है, सोने, चांदी से मढ़े ( Gilded ) और बेशकीमती पत्थरों से जड़े दीवाने आम की रौनक ही बेमिशाल थी . यह रौनक मुग़ल सल्तनत के समय के उतार के साथ-साथ गायब होती चली गयी. लाल किले को लुटेरे लूटते रहे और सब निकाल कर ले गए. दीवाने आम की पिछली दीवार के बीचों बीच 21 फीट चौड़े संगमरमर पर पच्चीकारी का खूबसूरत काम किया गया है यहाँ यूरोपियन शैली का प्रभाव नजर आता है यहाँ किया गया पच्चीकारी का काम किसी बगीचे का समां उत्पन्न करता है . दीवारों पर प्राकृतिक रंगों से बने पक्षी मानो उड़ने को हैं .. रंग बिरंगे खूबसूरत फूल, आज भी खुशबु बिखेरते महसूस किये जा सकते हैं. यहीं आठ फीट की उंचाई पर बादशाह के सिंहासन का स्थान है कहा जाता है यह यहूदियों के राजा सुलेमान के सिंहासन की नकल है. यहाँ विशेष मौकों पर दुनिया में अपनी खूबसूरती और कीमत के लिए मशहूर तख़्त-ए-ताउस लाया जाता था. यहाँ बैठकर बादशाह अपनी रियाया से रूबरू होते थे, उनकी फ़रियाद सुनते थे.आलेख विजय जायरा, निर्माता और प्रस्तुतकर्ता कुमुद मिरानी
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