मुख्य बातेंः
अहमद तबीश को डिस्टिंगुइश्ड टैलंट वीसा दिया गया है।
वह न्यू कासल यूनिवर्सिटी में नैनोमटिरियल्स पर रिसर्च कर रहे हैं।
वह टैलंट वीसा पाने वाले सबसे कम उम्र के पीएचडी छात्रों में से एक हैं।
छह महीने से भी कम समय में तबीश को ऑस्ट्रेलिया का स्थायी वीसा मिल गया है। सरकार की एक महत्वाकांक्षी ग्लोबल टैलंट इंडिपेंडेंट प्रोग्राम के तहत वीसा पाने वाले वह सबसे कम उम्र के लोगों में शामिल हैं।
उन्होंने इसकी उम्मीद भी नहीं की थी. वह बताते हैं, “जब मैं फरवरी में यहां आया था तब मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरा इस वीसा के लिए चयन हो जाएगा। लेकिन जब मुझे पता चला कि ऐसा कोई मौका उपलब्ध है तो मैंने अपनी रिसर्च के दम पर इसके लिए अप्लाई किया। और मैं खुश्किस्मत रहा कि सरकार ने मेरी रिसर्च को माना।
तबीश अपनी यूनिवर्सिटी का भी शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते।
सुनिए, अहमद तबीश से पूरी बातचीतः
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Indian international student handpicked for Australia’s highly competitive Global Talent Independent program
SBS Hindi
06:12
ग्लोबल टैलंट इंडिपेंडेंट प्रोग्राम दुनियाभर से प्रतिभाशाली लोगों को ऑस्ट्रेलिया लाने की एक योजना है।
तबीश को जुलाई में पीआर वीसा मिला। वह अलीगढ़ के रहने वाले हैं और उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से बीटेक की है। वह बताते हैं कि उनके परिवार में पढ़ाई को हमेशा अहमियत दी गई है।
वह कहते हैं, “मेरे दादा यूनिवर्सिटी में अरबी पढ़ाते थे और मेरे पिता एक डॉक्टर थे जिन्होंने यूनिवर्सिटी में पढ़ाया भी है। मेरा पूरा परिवार रिसर्च में सक्रिय रहा है और मैं अपना करियर रिसर्च में ही बनाना चाहता था।”

Indian national Ahmad Tabish was one of the youngest PhD researchers to be granted the permanent residency visa under the Global Talent Independent Program. Source: Supplied by Ahmad Tabish
अलीगढ़ में पढ़ाई के बाद मास्टर्स करने के लिए तबीश आबुधाबी चले गए थे, जहां पढ़ाई के बाद उन्होंने आबुधाबी नैशनल ऑइल कंपनी के रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट सेंटर के लिए रिसर्च इंजीनियर के तौर पर काम भी किया।
वहीं रहते हुए उन्होंने न्यू कासल यूनिवर्सिटी में काम करने वाले प्रोफेसर अजयन वीनू की रिसर्च के बारे में सुना।
वह बताते हैं, “प्रोफेसर वीनू ने मुझे अपनी रिसर्च टीम का हिस्सा बनने को प्रोत्साहित किया। और उनके तहत पीएचडी करने के लिए मैं न्यूकासल आ गया।”
वह अपनी रिसर्च के तहत सिलिका से नैनोमटिरियल बनाने पर काम कर रहे हैं जो स्वास्थ्य, ऊर्जा और पर्यावरण जैसे तमाम क्षेत्रों में काम आएगा।
27 साल के अहमद तबीश इस प्रतिष्ठित वीसा के लिए चुने जाने वाले सबसे युवा उम्मीदवारों में से हैं।
उन्हें नामांकित करने वाले प्रोफेसर वीनू कहते हैं कि तबीश को इस वीसा के लिए नामांकित करते हुए वह बेहद खुश थे.
वह बताते हैं, “तबीश पीएडी के सर्वोच्च और चुनिंदा उम्मीदवारों में से हैं। उनकी पढ़ाई का रिकॉर्ड शानदार है और औद्योगिक अनुभव भी है। वह यूएई की एक खरबों डॉलर की कंपनी में काम कर चुके हैं।”

Source: Supplied by Danyal Syed
अहमद तबीश को उम्मीद है कि उनकी रिसर्च ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में योगदान कर पाएगी।
वह कहते हैं, “न्यूकासल एक बेहतरीन जगह है। मैंने अपने रिसर्च सेंटर और बाहर सुमदाय में कई दोस्त बनाए हैं। अब मैं ऑस्ट्रेलिया को अपनी ओर से लौटाना चाहता हूं।”