सांप को देखते ही लोगों के मन में तरह तरह के विचार आते हैं. सांप से डरना और सांप को मारने के लिए दौड़ना ये एक आम बात है. बहुत सारी अजीब बातें भी होती हैं जैसे सांप के पास मणि होती है, उसकी आंख में फोटो छप जाती है. नागिन अपना बदला लेने ज़रूर आती है. कुछ नागिन इच्छाधारी होती हैं इत्यादि.
ये सारी बातें काल्पनिक हैं. इनका सच्चाई से दूर दूर तक वास्ता नहीं है. और सारे सांप ज़हरीले भी नहीं होते. लेकिन सांप को मारने के लिए हर कोई तत्पर रहता है.
ऐसे में हरियाणा के रहने वाले सोनू दलाल नमक युवक पिछले एक दशक से सांपों को बचाने कि मुहिम चला रहे हैं. इस दौरान वो 600 से ज्यादा सांप को बचा चुके हैं. शुरुआत भले ही मुश्किल रही लेकिन अब सोनू का नंबर इलाके में सबके पास है. कोई भी आसपास के गांव का व्यक्ति इनको बुला लेता है अगर उसे कहीं सांप दिख जाता है. सोनू पहुंच कर अपने खुद के बनाये छोटे मोटे उपकरण से सांप को रेस्क्यू करते हैं और जंगल में सुरक्षित छोड़ देते हैं.

Source: Supplied by Danyal Syed
उनके इस काम कि वजह से लोग अब उन्हें सोनू स्नेकमैन कहने लगे हैं. आज सोनू की वजह से उनके क्षेत्र में लोगों ने सांप को मारना छोड़ दिया है. कई अन्धविश्वास भी समाप्त हो चुके हैं जैसे नागिन दूध पीती है.
सोनू अब लोगों को सांप से जुडी सावधानियां भी बताते हैं. सांप काटने पर उसका ज़हर उतरवाने के चक्कर में न पड़ें, सीधे डॉक्टर के पास लेकर जाएं. सारे सांप ज़हरीले नहीं होते इसीलिए घबराएं नहीं क्योंकि अक्सर सांप काटे हुए व्यक्ति की मृत्य दहशत में दिल का दौरा पड़ने से भी हो जाती है.

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