यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि 25 सितम्बर को एस.पी. बालासुब्रमण्यम के निधन से जैसे वीणा का कोई तार टूट गया है।
वह ऐसे गायक थे जिन्होंने भारतीय सिनेमा की हर भाषा में सुपरहिट गीत गाए और लगातार गाए।
खास बातें:
- एस.पी. बालासुब्रमण्यम पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित थे।
- गायन में उन्होंने छह राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। और वो भी चार अलग अलग भाषाओं में.
- वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे।
एस.पी. बालासुब्रमण्यम एक ऐसे लोकप्रिय गायक थे जिन्होंने तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, और हिन्दी फिल्मों समेत 16 भाषाओं में 40000 से अधिक गानों के लिये प्लेबैक किया।
उनकी आवाज ने उत्तर और दक्षिण का एक नया सांस्कृतिक पुल भी बना दिया था।
1981 में उन्होंने हिन्दी फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में कमलहसन के लिये हिन्दी गाने गाये और फिल्म के गाने “तेरे मेरे बीच में” के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।
जब इस फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ के लिए उनका नाम लिया गया था, उस समय फिल्म की संगीतकार जोड़ी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल में से लक्ष्मीकांत को वह खास पसंद नहीं आए थे।
उन्हें डर था कि दक्षिण भारत का गायक शायद हिन्दी गानों में सफल न हो सके। लेकिन फिल्म के गीतों ने और गायक बालासुब्रमण्यम ने इतिहास रच दिया।
एस पी बालासुब्रमण्यम को पहला राष्ट्रीय पुरस्कार तेलुगु फिल्म ‘शंकरभरणम’ के गाने ‘ओंकारा नाधानु’ के लिये मिला था।
वह शास्त्रीय गायन में औपचारिक रूप से शिक्षित नहीं थे लेकिन इस तेलुगु फिल्म के सारे गाने कर्नाटक संगीत पर आधारित है।
इस फिल्म का हिन्दी रीमेक भी बना था - सुरसंगम जिसमें मुख्य कलाकार थे गिरीश कर्नाड और जयाप्रदा।
हिंदी फ़िल्में देखने वालों के लिये, इस दिग्गज गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का नाम सलमान ख़ान का पर्याय है।
कितने ही सालों तक सलमान ख़ान को एसपी बालासुब्रण्यम की आवाज़ मिलती रही।
अधिकतर गानें हिट और सुपरहिट हुये। जैसा कि सलमान खुद भी कहते हैं कि अगर बालासुब्रमणयम गानों में उनकी आवाज़ नहीं होते तो वह (सलमान) भी आज इन ऊँचाईयों पर नहीं होते।
फिल्म ‘साजन’ और ‘हम आपके हैं कौन’ के गानों के लिये एसपी बालासुब्रण्यम फिल्मफेयर एवार्ड के लिये नामांकित भी हुये।
कहा जाता है कि जब पहली बार फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के लिये सलमान के गानों के लिए बालासुब्रमण्यम को चुना गया था तो काफी लोगों की राय थी कि सलमान पर उनकी आवाज नहीं बैठेगी लेकिन यह गलत साबित हुआ।
फिल्म के गाने ‘दिल दीवाना’ के लिये उन्हें फिल्मफेयर एवार्ड मिला।
4 जून 1946 के दिन, नेल्लोर में जन्मे एसपी बालासुब्रमण्यम का पूरा नाम है, श्रीपति पडिथा अरथुयला बालासुब्रमण्यम।
संगीत में शौंक के कारण वह चिन्नई आ गये जहाँ वह गायन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते थे।
उनकी असाधाहरण प्रतिभा को, मशहूर गायक और संगीतकार एस पी कोथानदपनी ने पहचाना और तेलुगु भाषा की फिल्म ‘श्री श्री श्री मर्यादा रामन्ना’ फिल्म में एसपी को गाने का पहला मौका दिया।
प्लेबैक, अभिनय, संगीतकार और डबिंग की अनूठी प्रतिभा वाले इस दिग्गज कलाकार को राष्ट्रीय पुरस्कार, फिल्मफेयर एवार्ड, फिल्म फेयर एवार्ड साउथ, नंदी पुरस्कार, कितने ही राज्य और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों के साथ उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2011 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।दावा किया जाता है कि सबसे ज़्यादा गाना गाने का गिनीज़ रिकॉर्ड (40000) भी उनके नाम हैं।
President Pratibha Patil presents Padma Bhushan to singer SP Balasubrahmanyam at Rashtrapati Bhavan in New Delhi during Padma Awards 2011 Source: Shekhar Yadav/The India Today Group via Getty Images
वैसे ख़ुद एसपी बालासुब्रमण्यम ने 2016 में कहा था कि अब उन्हें स्वयम् भी गानों का गिनती पता नहीं है ।
एसपी बालासुब्रमण्यम के रिकॉर्ड अविश्वसनीय है । उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने एक दिन में 21 कन्नड़ गाने गाकर रिकॉर्ड बनाया था। इसी तरह उन्होंने एक ही दिन में फिल्म’वादे-इरादे’ के पांचों गाने रिकॉर्ड कर दिये थे वो मद्रास से सुबह की फ्लाइट से मुम्बई आये और रात की फ्लाइट से वापसी कर ली।
संगीतकार ललित पंडित के अनुसार फिल्म ‘सागर’ में किशोर कुमार के साथ कोई उनकी मस्ती के साथ मैच कर सकता था तो वो एकमात्र बालू सुब्रमण्यम ही थे।
एसपी बालासुब्रमण्यम गायक के साथ साथ एक अभिनेता, संगीतकार और डबिंग आर्टिस्ट भी रहे। डबिंग के लिए उन्हें दो बार नंदी पुरस्कार भी मिला। नंदी पुरस्कार तेलुगु सिनेमा, थिएटर और टीवी के लिए आंध्र प्रदेश सरकार का सर्वोच्च सम्मान है.
कई भाषाओं में और कई अन्य कलाकारों को प्लेबैक देने वाले एसपी बालासुब्रमण्यम कहते थे कि गाना गाने का भाव और प्रेरणा उन्हें हिंदी गानों से मिली और रफ़ी साहब के गाना गाने के अंदाज़ से प्रभावित भी थे। संगीतकार प्यारेलाल की राय है कि मोहम्मद रफी जैसी सहजता के साथ गाना ही एसपीबी की खासियत थी।
करोनावायरस के संक्रमण के कारण वह इलाज के लिये 5 अगस्त से एक अस्पताल में थे और 74 वर्ष की आयु में , शुक्रवार 25 सितम्बर को एसपी बालासुब्रमण्यम का चेन्नई में निधन हो गया ।
अपने प्रशंसकों के बीच वह ‘पादुम नीला’ नाम से प्रसिद्ध थे ।
कला के क्षेत्र में एसपी बालासुब्रमण्यम ने जिन ऊंचाइयों को छुआ है, उसकी मिसाल शायद ही कहीं मिले।
ऑस्ट्रेलिया में लोगों को दूसरों से कम से कम 1.5 मीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिए. लोगों के जमा होने की संख्या की सीमा जानने के लिए अपने क्षेत्र में लगे प्रतिबंधों को देखें.
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