शौक से दीवानगी तक का सफर हैं गौरी दिवाकर

Gauri Diwakar

Source: Supplied by Danyal Syed

बिरजू महाराज जैसे गुरू से नृत्य सीख चुकीं गौरी अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर बेहद उत्साहित हैं. यहां सुनिए उनसे पूरी बातचीत.


बात जब क्लासिकल डांस की होती है जो ज़ेहन में अक्सर कत्थक का नाम ही आता है. ये भी सच है कि लोग इसके नाटकीय स्वरूप को पसंद बहुत करते हैं भले ही ज्यादातर लोग कत्थक की बारीकियों से वाकिफ़ न हों. फिलहाल यहां एक मौका है कत्थक को थोड़ा और नज़दीक से समझने का जब कत्थक डांसर गौरी दिवाकर भारत से अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आ रही हैं.

गौरी ने बताया कि कत्थक कथा को कहने का एक नाट्य रूप है और हमेशा से इसमें प्रयोग किए जाते रहे हैं. हांलांकि उन्हें कत्थक को उन्होंने बचपन में एक ऑप्शन के तौर पर अपनाया था लेकिन समय के साथ साथ ये ऑप्शन एक दीवानगी में तब्दील हो गया. गौरी सिडनी डांस फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए सिडनी आ रही हैं. सुनिए, उनसे पूरी बातचीत.


Share