स्पिक मैके भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रचार-प्रसार के लिये समर्पित है। वह लगातार इस दिशा में कार्य करते हुए युवाओं में कला-संस्कृति के प्रति अनुराग जगा रही है।
खास बातें
- स्पिक मैके की स्थापना किरण सेठ द्वारा 1977 में भारत में की गई थी।
- दुनिया भर में 300 से अधिक शहरों में स्पिक मैके के अध्याय हैं।
स्पिक मैके के ऐपैक चैप्टर की प्रमुख मेलबर्न स्थित सुश्री तपस्या आर्या ने बतायाः
इस सप्ताहांत पर होने वाले इस ऑनलाइन कॉन्सर्ट में ऑस्ट्रेलिया के चार बच्चे इन महान कलाकारों से कुछ सवाल भी पूछेंगे। कला और इन महान कला गुरुओं को इतने करीब से जानने का यह एक अनोखा अवसर और सौभाग्य रहेगा।
5 और 6 दिसम्बर को होने वाले स्पिक मैके के इस ऑन लाइन ग्लोबल हेरिटेज सीरीज कार्यक्रम में पंडित हरि प्रसाद चौरसिया (बांसुरी वादक), सुश्री माधवी मुदगल (ओडिशी नृत्य), टी एच वीकू विनायक जी, (ग्रैमी अवार्ड पुरस्कृत घटम् वादक ) और उस्ताद वसीफुद्दीन डागर जी (ध्रुपद गायक) अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और उसके बाद सवालों के जवाब देंगे।आईआईटी खड़गपुर से एक स्नातक, किरण सेठ, कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यू यॉर्क में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहे थे, जब उन्हें ब्रुकलिन अकादमी ऑफ़ म्यूज़िक, न्यू यॉर्क में उस्ताद नासिर अमीनुद्दीन डागर और उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर द्वारा एक ध्रुपद संगीत कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला।
Padma Shri Madhavi Mudgal, an Indian Classical Odissi Dancer will be performing for SPIC MACKAY's online Global Heritage Series concert on 6th Dec 2020. Source: Ajay Lal
1976 में भारत लौटने पर उन्होंने IIT दिल्ली में शिक्षण और शोध कार्य करना शुरू किया, जहां उन्होंने छात्रों के साथ मिलकर 1977 में स्पिक मैके की शुरुआत की।
कला और संस्कृति का किसी भी समाज में विशेष महत्व होता है। आज की तेज़ी से भागती दुनिया में और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव से मुक्त होने में संगीत, नृत्य आदि कोई भी कला अहम योगदान देती है।
कला और संस्कृति की धरोहर ही हमें हर स्थिति से जूझने में सहायता करती है। यह धरोहर संचित रहे इसलिये युवाओं का इसके साथ जुड़ना, उसे समझना महत्वपूर्ण है।
सुनिए, सुश्री तपस्या आर्या से यह बातचीतः
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संगीत और नृत्य का एक भव्य 'ग्लोबल हेरीटेज सीरीज' कॉन्सर्ट
SBS Hindi
03/12/202009:50
सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक ऐंड कल्चर अमंग यूथ (Society for the Promotion of Indian Classical Music And Culture Amongst Youth (SPIC MACAY) ) का उद्देश्य है भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, योग, ध्यान, शिल्प और भारतीय सांस्कृतिक विरासत के अमूर्त पहलुओं के प्रति युवाओं में जागरूकता और उन्हें संजोने के लिये बढ़ावा देना।
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